युवा साथियों मैं आपका ध्यान उस महत्वपूर्ण विषय की ओर खींचना चाहता हूं जो हर वोटर के लिए जानना अत्यंत आवश्यक हैं, हो सकता बहुत से नागरिक जो वोटर भी हैं वो इन बातो की तरफ बिलकुल ध्यान न दें, और कुछ इन बातो को ये कहकर नकार देते हैं कि हमे इन सब से क्या लेना देना हैं।
युवा दोस्तों , मैं ये सुनकर बड़ा हैरान होता हूं , जब बहुत से लोग ये बात कैसे कह देते है कि हमे इनसे क्या मतलब हैं ? युवा दोस्तो मैं अपना लेख आप लोगों पर इसलिए फोकस करता हूं क्योंकि आप तो युवा हो , आपमें तो जज्बा है, आप तो निस्वार्थ हो, आप तो निष्पक्ष हो, आपको आगे का जीवन जीना है, आपका भविष्य जुड़ा हुआ है, आपके रोजगार जुड़े हुए है। इसीलिए तो आप लोगों को तो ऐसे लोगों को पहचानने की जरूरत हैं। मैं आज उन लोगों को आइना दिखाना चाहता हूं जो ऐसे कार्यों के प्रति बिलकुल जागरूक नही हैं और ये कह कर ऐसी बातों को नकार कर, कह देते है कि हमारा क्या जा रहा हैं।
दोस्तो ये तो आप सभी जानते है जो सरकार के पास पैसा है वो सब जनता द्वारा दिया हुआ है, वो टैक्स से आया पैसा है, वो रेवेन्यू के रूप में पैसा आता हैं, वो पैसा छोटी छोटी वस्तुओं की खरीद से आता हैं। वो आम आदमी से इक्कठा होकर सरकार के पास जाता हैं जिससे सभी सरकारी खर्च होते हैं, उन्ही पैसों से हमारे देश के माननीय विधायक, सांसदो तथा माननीय मंत्रियों की गाडियां दौड़ती है, उसी पैसे से माननीय महोदय के लिए जेड सुरक्षा के लिए पैसा खर्च होता हैं, और बड़े बड़े घरों के मालिक बनते हैं। इसी सरकारी रेवेन्यू से उन महानुभावों को आप वोटर्स के चाय पानी का पैसा भी मिलता है जो आपको कभी नहीं पिलाई जाती है। उसी रेवेन्यू से हमारे माननीय विद्यायको तथा माननीय सांसदों को वेतन, भत्ते तथा लाखो की पेंशन भी मिलती है
और वो भी सभी को , जो अगर कोई एक दिन के लिए भी विधायक या सांसद , मंत्री अथवा माननीय मुख्यमंत्री अथवा माननीय प्रधानमंत्री बन जाए तो उन्हे आजीवन पेंशन भी इसी टैक्स के पैसे तथा रेवेन्यू से मिलता हैं। और जो लोग बैंक से लिए हुए लोन को वापिस ना करने भाग जाते है और अपनी जिंदगी हर नागरिक द्वारा दिए गए टैक्स के पैसे से एशो आराम का जीवन जीते हैं, उन्हे आम लोगों से कोई मतलब नहीं हैं, मैं उन युवाओं को कहता हूं कि ये सारा पैसा आम जनता का है, आपका ही हैं,
ये आपके बच्चों का ही हिस्सा है, जो आपके बच्चो की शिक्षा , स्वास्थ्य तथा सुरक्षा पर खर्च होना चाहिए। युवा दोस्तो, जब आप वोटर भी हैं आपको इतना तो जागरूक होना चाहिए कि जो आपके सामने चुनाव लडने के लिए जो नेता आ रहे हैं उनका चरित्र क्या है, उनका पुराना व्यवहार तथा इतिहास क्या हैं ? और इतना जानते हुए भी अगर भारत के युवा, ये कहे कि हमे इन से क्या लेना है, वो शायद देश के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक हैं। क्या युवाओं को ये जानने या पहचानने की जरूरत नही है कि जो आपके सामने वोट मांगने आ रहे है कि उनसे कुछ तो जानना ही चाहिए और आप उनसे कुछ सवाल पूछे, जैसे ;
- किसी विधायक या सांसद द्वारा चुने जाने के बावजूद भी क्यों इस्तीफा दिया ?
- कोई विधायक या सांसद इस्तीफे के बाद दुबारा दूसरी पार्टी से चुनाव क्यों लड़े ?
- ऐसे महानुभावों द्वारा अपनी क्षेत्र की जनता से संबंधित प्रश्न विधानसभा या संसद में उठाए या नहीं ?
- किस नेता पर कौन से मुकदमे चल रहे हैं ?
- चुने जाने के बाद भी अगर कोई इस्तीफा दे रहा है तो उसे सार्वजनिक करना चाहिए कि उसने इस्तीफे क्यों दिया ?
- चुने हुए विधायकों तथा सांसदों ने जन प्रतिनिधि के रूप में कार्य किया या उसने केवल अपनी पार्टी प्रतिनिधि के रूप में ही कार्य किया गया। ये भी जानना जरूरी है, अगर वो आपका प्रतिनिधि बन कर नहीं रहता है तो उससे सावधान रहिए।
- आपके चुने हुए सांसद तथा विधायको का निडर होना जरूरी हैं।
- आपके सामने आने वाले विधायक तथा सांसद चुने जाने के लिए आपके सामने आ रहे है, उनसे उनके व्यवसाय, उनकी विधायक या सांसद के रूप में मिलने वाली पेंशन कितनी हैं ?
- वो व्यक्ति आपके बीच से ही होना चाहिए, वो उसी जगह का रहने वाला हो, वो चौबीस घंटे आपके बीच में रहे, क्योंकि वो आपका प्रतिनिधि बनने की तैयारी कर रहे हैं।
- जो कैंडिडेट आपके सामने आ रहे हैं उनकी संपत्ति के बारे में भी जाने तथा उनकी आर्थिक सामाजिक स्थिति का भी ज्ञान होना चाहिए।
युवा साथियों , कभी भी ये मत कहो कि हमे इन सब से क्या मतलब है, आप चुनाव के समय के लिए कुछ सवाल की लिस्ट जरूर बना कर रखे जिसमें राष्ट्र से संबंधित जानकारियां भी लेने का मन बनाओं। युवा दोस्तो, आप गुलाम नही हो , आप आजाद भारत के नागरिक हो। आप निम्न लोगों से सावधान रहे और उन्हे जागरूक करें, कि जो पैसा लेकर आप अपना स्वाभिमान बेच रहे हैं या वोट बेच रहे हो, वो सब आपका ही है , उसे किसी को चोरी मत करने दो। - जो व्यक्ति अपनी वोट बेचते है, और अपने बच्चों के स्वाभिमान का भी सौदा करता हैं। ऐसे लोगों का भी ध्यान रखना चाहिए, जिनके लिए चुनाव केवल पैसा लेने का उत्सव हैं।
- चुनाव जीतने के बाद पैसा लेकर अपनी प्रतिनिधित्व को पैसा लेकर बेच देते है और किसी ऐसी पार्टी को समर्थन करते है जिसके खिलाफ वो चुनाव लड़कर वोट हासिल किया था तथा जनता को धोखा करते हैं।
- जो व्यक्ति एक बार चुना जाता है और पैसा लेकर इस्तीफा देकर , दूसरी पार्टी से चुनाव लडने आते है तो उसकी पहचान करें क्योंकि वो व्यक्ति कभी भी देशभक्त नही हो सकता है तथा आपका भी शुभचिंतक नही हो सकते हैं।
युवा दोस्तों, अब चुनावों का समय है और वैसे भी भारतीय लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए नए लोगों को आजमाना बहुत आवश्यक हैं। दोस्तों मैं आपको एक बात बहुत ही सटीक बता रहा हूं जो लोग अपनी संसदीय सीट से दो बार चुन लिए जाते है तो उसके बाद ना तो उनके पास कुछ नए विजन होते है और ना ही उनकी ऐसे कार्यों में रुचि होती हैं जो हौंसला होता है वो भी एक प्रैक्टिस मात्र बन कर रह जाता हैं। फिर उसके लिए राजनीति एक व्यवसाय से ज्यादा कुछ नहीं रहती हैं, इसलिए अपने प्रतिनिधि को जांचना जरूरी है। अभी लोकतंत्र का पर्व है आओ सभी मिल कर उसे मजबूत करें और 100 प्रतिशत मतदान करें। - जय हिंद, वंदे मातरम
लेखक
नरेंद्र यादव
नेशनल वाटर अवॉर्डी
यूथ डेवलपमेंट मेंटर