एक कागज की टुकड़ा की हाल?
आज की कहानी एक कागज की टुकड़ा की हाल? एक बार कागज का एक टुकड़ा हवा के वेग से उड़ा और पर्वत के शिखर पर जा पहुँचा, पर्वत ने उसका आत्मीय स्वागत किया और कहा कि भाई! यहाँ कैसे पधारे….!! आज का दिन मंगलमय हो। जो प्राप्त हे वही पर्याप्त है। ओम शांति