भारत में आजकल लोकसभा चुनावों की धूम मची हुई है, चारों तरफ चुनावी बिगुल बजा हुआ हैं। भारत में राजनीति तो लोगों के लिए ऐसे है जैसे स्वर्ग, ऐसे है जैसे यही सब कुछ हैं। हमारे देश में तो हर नागरिक की आखिरी ख्वाहिश राजनीति में जाकर सांसद या विधायक बनना ही हैं, कैसी विडंबना है कि कोई चाहे आई ए एस हो , चाहे कोई आई पी एस हो, या वो हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के माननीय जज हो सभी ही तो सांसद बनना चाहते हैं। मैं कहता हूं कि सभी को यही क्यों बनना हैं जब कि जितना सम्मान आई ए एस , आई पी एस या फिर न्याय पालिका में माननीय जज को मिलता है उतना तो किसी को भी नही मिलता हैं, फिर भी सभी सांसद और विधायक ही बनना चाहते हैं। कुछ लोगों ने इस लोक सेवा के पवित्र कार्य को इतना क्रूर बना दिया है कि लोग चुनाव लडना तो चाहते है परंतु जीतने की आशा उनको कम ही रहती है क्योंकि चुनाव जीतने के लिए जो बेसिक फॉर्मूला है वो उससे बहुत दूर होते है, उन्हे ग्रास रूट की जानकारी भी नही होती है। वैसे चुनाव जीतना कोई मुश्किल कार्य नही है अगर वोटर के साथ रहने में हिचक ना हो तो। परंतु यहां तो जनप्रतिनिधि तो बनना चाहते है लेकिन जनता के साथ नही रहना चाहते, उनके साथ बातचीत भी नही करना चाहते है, गाडियों में बैठकर केवल हाथ हिलाते है आज के जनप्रतिनिधि। किसी के काम में सहयोग कभी नहीं करते हैं, इसीलिए तो चुनाव जीतने में पसीने छूट जाते हैं। आजकल जनप्रतिनिधियों द्वारा रोड़ शो तो ऐसे किए जाते है, जैसे राजा महाराजाओं द्वारा अपनी सवारी निकली जाती थी। लोगो सड़क के दोनो तरफ ऐसे खड़े रहते है जैसे गुलाम हो, और जनप्रतिनिधि ऐसे हाथ हिलाते है जैसे इन्होने बहुत बड़े कल्याणकारी कार्य किए हो। मैं आज उन सभी को जो चुनाव लडना चाहते हैं उन्हे कुछ टिप्स देना चाहता हूं, अगर इनको अपने हृदय में उतार लिया तो उनकी जीत पक्की होगी, लेकिन इसके साथ एक शर्त भी है कि आप उन सभी वोटर्स को कभी धोखा मत देना अन्यथा दुबारा कभी नही जीत पाओगे। दोस्तों, किसी भी चुनाव में वोट देने के लिए वोटर की पसंद का एक सीक्वेंस होता हैं जो सीरियल के अनुसार निम्न हैं, जैसे
- किसी भी वोटर की पहली पसंद हैं , वो अपने दोस्त को वोट देना चाहते हैं।
- दूसरी पसंद होती हैं, वोटर अपने जानकर को वोट देते हैं।
- तीसरी पसंद के रूप में वोटर, उसे वोट देते है जो उनके दुख सुख में खड़े होते हैं।
- चौथी पसंद के रूप में कोई भी वोटर , उसे वोट देते हैं जो किसी बड़ी पार्टी से हों। लेकिन पार्टी चौथी पसंद हैं।
ये चारो पसंद का एक सीक्वेंस है जिसके आधार पर वोटर मतदान करते हैं, किसी भी वोटर की पहली पसंद वही होती है जिसे वो बहुत अच्छी तरह से जानता हो। चुनाव लड़ने वाले सभी दोस्त नीचे दिए गए टिप्स ध्यान में रखते हुए अपनी तैयारी का प्लान बनाएं,
और ध्यान से पढ़ना मेरे सभी टिप्स ; - अगर कोई भी चुनाव लडना चाहता हैं तो किसी पार्टी के पीछे घूमने से अच्छा है कि वो अपने क्षेत्र में घर घर , हर वोटर से मिले।
- किसी पार्टी के झंडे उठाने से अच्छा है कि भारत का झंडा उठाकर अपने क्षेत्र में लोगों के काम आएं।
- किसी भी पार्टी की दरियां बिछाने से अच्छा है कि वो अपने क्षेत्र में बेटियों की शादियों में सहयोग करें।
- किसी भी नेता की चापलूसी करने से अच्छा है कि अपने क्षेत्र के बुजुर्गो, माताएं तथा विद्यार्थियों की सेवा करें।
- किसी नेता के घर में नौकर के तौर में काम करने से अच्छा है कि आप अपने क्षेत्र में लोगों के खेतों में जाकर लोगों का हौंसला बढ़ाएं।
- किसी भी पार्टी के नेताओं के गले में मालाएं पहनाने से अच्छा है , अपने क्षेत्र के बुजुर्गो के सम्मान में मालाएं पहनाने का कार्य करों।
- किसी नेता को उनके जन्मदिन पर गुलदस्ते देने से अच्छा है कि अपने क्षेत्र के युवाओं के जन्मदिन पर उन्हे उनके सुंदर भविष्य के लिए शुभकामना देना।
- हर बेटी की शादी में कन्यादान जरूर करना , इसके लिए किसी की जेब से पैसे मत निकालना।
- आपके क्षेत्र के हर बच्चें के स्वास्थ्य के लिए उनके लिए स्पोर्ट्स के सामान की व्यवस्था करना।
- अपने क्षेत्र के हर वोटर के जन्मदिन तथा मैरिज एनिवर्सरी की तारीख अपनी डायरी में नोट रखना और उन्हे शुभकनाएं देना।
- किसी पार्टी के बेईमान तथा अपराधी टाइप के नेताओं की चाटुकारिता करने से अच्छा है कि आप अपने चुनाव क्षेत्र के हर वोटर की इज्जत का ख्याल रखें।
- किसी पार्टी के नेता के आगमन के लिए माला लेकर घंटे खड़े रहने से अच्छा है कि अगर आप पढ़े लिखे हो तो अपने क्षेत्र के बच्चों को पढ़ाओं ताकि बच्चें अपना सुंदर भविष्य बना सकें।
- आप अपने क्षेत्र की हर बहन को बहन, हर भाई को भाई की तरह सम्मान करें और क्षेत्र के हर बच्चे के भविष्य की जिम्मेदारी समझनी चाहिए।
- अपने क्षेत्र के लोगों की इज्जत के लिए कभी भी बेईमानी ना करें।
- किसी पार्टी के किसी नेता की चिलम भरने से अच्छा है कि वो क्षेत्र के बुजुर्गो के लिए सेवा करों।
- हर सप्ताह एक रात्रि अपने क्षेत्र में किसी भी गांव में रुके और हर घर जाकर लोगों से मिलना चाहिए।
- अपने क्षेत्र के हर परिवार के सुख दुख में शामिल होना चाहिए।
- हर त्यौहार पर अपने क्षेत्र में जरूर जाएं और फेस्टिवल में शामिल होकर सबका हौंसला बढ़ाएं। रक्षाबंधन जैसे त्यौहार पर अपने क्षेत्र की सभी बहनों से राखी जरूर बंधवाएं।
- सभी को विनम्रता के साथ बोलें, तथा किसी को ये ना बोले कि वोट देनी है तो देना अन्यथा न देना, ये वोटर की तौहीन हैं।
- अगर कोई आपसे नाराज है तो उनके घर जाकर उनसे मिले और प्रेम से उन्हे मनाएं जैसे अपने बड़े छोटे भाई बहन को मनाते हैं।
अब अंत में मैं सभी चुनाव लड़ने की इच्छा रखने वाले महानुभावों से अपनी क्षेत्र की तैयारी के साथ साथ तीन प्रकार की तैयारी पर भी ध्यान देते रहे और तीनो प्रकार के अपने साथियों का प्रशिक्षण भी करते रहें, जैसे ; - अपने क्षेत्र में सभी बूथ से पांच पांच लोगों की बैठक तथा प्रशिक्षण करते रहें।
- हर गांव में या शहर हो तो वार्ड में हर जाति से 20 चुनाव साथी अपने चुनावी क्षेत्र परिवार में शामिल करें,उनका भी तीन माह में एक बार सम्मेलन करें।
- हर बूथ से अपनी पांच बहनों को भी चयन करें तथा उनका भी प्रशिक्षण करें।
अंत में मैं एक बार पुनः आप सभी चुनाव लड़ने वाले बहन भाइयों को शुभकामनाएं देता हूं कि आप अपने दस दस बीस बीस वर्ष किसी पार्टी के पीछे चक्कर काटने से अच्छा है आप अपने क्षेत्र में चुनाव की तैयारी करें और जन सेवा के रास्ते जनप्रतिनिधि बनने तक तक का रास्ता बनाएं और उस तक पहुंचने का सफर तय करें। बहुत आसान है जनप्रतिनिधि बनना परंतु कुछ बेईमान लोगों ने इसे बहुत महंगा कर दिया हैं।
जय हिंद, वंदे मातरम
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