मात-पिता अपने बच्चों के साथ कुछ समय देना चाहीए
चेन्नई के एक स्कूल ने अपने बच्चों को छुट्टियों का जो एसाइनमेंट दिया वो पूरी दुनिया में वायरल हो रहा है; एक बार आप भी पढ़ लें क्योंकि हो सकता है कि ये आपका नज़रिया ही बदल दे।
वजह बस इतनी कि उसे बेहद सोच समझकर बनाया गया है।
इसे पढ़कर अहसास होता है कि हम वास्तव में कहां आ पहुंचे हैं और अपने बच्चों को क्या दे रहे हैं।
अन्नाई वायलेट मैट्रीकुलेशन एंड हायर सेकेंडरी स्कूल ने बच्चों के लिए नहीं बल्कि पेरेंट्स के लिए होमवर्क दिया है, जिसे हर एक पेरेंट को पढ़ना चाहिए।
उन्होंने लिखा-
पिछले 10 महीने आपके बच्चों की देखभाल करने में हमें अच्छा लगा।
आपने गौर किया होगा कि उन्हें स्कूल आना बहुत अच्छा लगता है।
अगले दो महीने उनके प्राकृतिक संरक्षक यानी आप उनके साथ छुट्टियां बिताएंगे।
हम आपको कुछ टिप्स दे रहे हैं जिससे ये समय उनके लिए उपयोगी और खुशनुमा साबित हो।
✓ अपने बच्चों के साथ कम से कम दो बार खाना जरूर खाएं। उन्हें किसानों के महत्व और उनके कठिन परिश्रम के बारे में बताएं और उन्हें बताएं कि अपना खाना बेकार न करें।
✓ खाने के बाद उन्हें अपनी प्लेटें खुद धोने दें। इस तरह के कामों से बच्चे मेहनत की कीमत समझेंगे।
✓ उन्हें अपने साथ खाना बनाने में मदद करने दें। उन्हें उनके लिए सब्जी या फिर सलाद बनाने दें।
✓ तीन पड़ोसियों के घर जाएं। उनके बारे में और जानें और घनिष्ठता बढ़ाएं।
✓ दादा-दादी/ नाना-नानी के घर जाएं और उन्हें बच्चों के साथ घुलने मिलने दें। उनका प्यार और भावनात्मक सहारा आपके बच्चों के लिए बहुत जरूरी है। उनके साथ तस्वीरें लें।
✓ उन्हें अपने काम करने की जगह पर लेकर जाएं जिससे वो समझ सकें कि आप परिवार के लिए कितनी मेहनत करते हैं।
✓ किसी भी स्थानीय त्योहार या स्थानीय बाजार को मिस न करें।
✓ अपने बच्चों को किचन गार्डन बनाने के लिए बीज बोने के लिए प्रेरित करें। पेड़ पौधों के बारे में जानकारी होना भी आपके बच्चे के विकास के लिए जरूरी है।
✓ अपने बचपन और अपने परिवार के इतिहास के बारे में बच्चों को बताएं।
✓ अपने बच्चों का बाहर जाकर खेलने दें, चोट लगने दें, गंदा होने दें। कभी कभार गिरना और दर्द सहना उनके लिए अच्छा है। सोफे के कुशन जैसी आराम की जिंदगी आपके बच्चों को आलसी बना देगी।
✓ उन्हें कोई पालतू जानवर जैसे गाये , भैंस , पक्षी पालने दें।
✓ उन्हें कुछ संस्कार आधारित ज्ञान , धार्मिक किताबें पढ़ना, मंदिर जाना व लोक गीत सुनाएं।
✓ अपने बच्चों के लिए रंग बिरंगी तस्वीरों वाली कुछ कहानी की किताबें लेकर आएं।
✓ अपने बच्चों को टीवी, मोबाइल फोन, कंप्यूटर और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स से दूर रखें। इन सबके लिए तो उनका पूरा जीवन पड़ा है।
✓ उन्हें चॉकलेट्स, जैली, क्रीम केक, चिप्स, गैस वाले पेय पदार्थ और पफ्स जैसे बेकरी प्रोडक्ट्स और समोसे जैसे तले हुए खाद्य पदार्थ देने से बचें।
✓ अपने बच्चों की आंखों में देखें और ईश्वर को धन्यवाद दें कि उन्होंने इतना अच्छा तोहफा आपको दिया। अब से आने वाले कुछ सालों में वो नई ऊंचाइयों पर होंगे।
माता-पिता होने के नाते ये जरूरी है कि आप अपना समय बच्चों को दें।
अगर आप माता-पिता हैं तो इसे पढ़कर आपकी आंखें नम जरूर हुई होंगी। और आखें अगर नम हैं तो वजह साफ है कि आपके बच्चे वास्तव में इन सब चीजों से दूर हैं।
इस एसाइनमेंट में लिखा एक-एक शब्द ये बता रहा है कि जब हम छोटे थे तो ये सब बातें हमारी जीवनशैली का हिस्सा थीं, जिसके साथ हम बड़े हुए हैं, लेकिन आज हमारे ही बच्चे इन सब चीजों से दूर हैं, जिसकी वजह हम खुद हैं।
ओम शांति